चाहतों ने किया मुझ पे ऐसा असर; जहाँ देखूं मैं देखूं तुझे हमसफ़र; मेरी खामोशियाँ भी जुबान बन गयी; मेरी बेचैनियां इश्क़ की दास्तान बन गयी।
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चाहतों ने किया मुझ पे ऐसा असर; जहाँ देखूं मैं देखूं तुझे हमसफ़र; मेरी खामोशियाँ भी जुबान बन गयी; मेरी बेचैनियां इश्क़ की दास्तान बन गयी।
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