तुम को तो जान से प्यारा बना लिया; दिल को सुकून आँख का तारा का बना लिया; अब तुम साथ दो या ना दो तुम्हारी मर्ज़ी; हम ने तो तुम्हें ज़िन्दगी का सहारा बना लिया।
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तुम को तो जान से प्यारा बना लिया; दिल को सुकून आँख का तारा का बना लिया; अब तुम साथ दो या ना दो तुम्हारी मर्ज़ी; हम ने तो तुम्हें ज़िन्दगी का सहारा बना लिया।
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