बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे पास आने को; ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसाने को; बुझी नहीं प्यास इन होंठों की अभी; न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस दीवाने को।
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बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे पास आने को; ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसाने को; बुझी नहीं प्यास इन होंठों की अभी; न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस दीवाने को।
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