हर घडी एक नाम याद आता है; कभी सुबह कभी शाम याद आता है; सोचते हैं हम कि कर लें फिर से मोहब्बत; फिर हमें मोहब्बत का अंजाम याद आता है।
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हर घडी एक नाम याद आता है; कभी सुबह कभी शाम याद आता है; सोचते हैं हम कि कर लें फिर से मोहब्बत; फिर हमें मोहब्बत का अंजाम याद आता है।
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