जीवन का बहुत बडा सत्य
हम उन्हे रूलाते हैं जो हमारी परवाह करते हैं (माता पिता)
हम उनके लिए रोते हैं जो हमारी परवाह नहीं करते (औलाद )
और हम उनकी परवाह करते हैं जो हमारे लिए कभी नहीं रोयेगें (समाज)

Your Comment Comment Head Icon

Login