यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले
इतिहास में जाके सुन लेना हमारी कहानी
खून बहाया इतना नही था जितना नदियों में पानी
एक आरज़ू थी तेरे साथ जिंदगी गुजारने की
पर तेरी तरह मेरी तो ख्वाहिशे भी बेवफा निकली
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर
किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया
दम नहीं किसी में जो मिटा सके हमारी हस्ती को
जंग तलवारो को लगती है नेक इरादो को नहीं
ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूँ
मौत भी हो जाती है और क़ातिल भी पकड़ा नही जाता
मैं कुर्बान हो जाउं मेरे यार की यारी पर...
मेरी दुआ भी वो है, मेरी दवा भी वो है ..
💔💔nik💔💔
रिश्वत भी नहीं लेती कम्बख्त जान छोड़ने
की….!
ये तेरी याद मुझे बहुत ईमानदार लगती है.
क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तों
वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे
वो महफिल में अपनी वफ़ा का जिक्र कर रही थी,
जब नजर मुझ पर पड़ी तो बात ही बदल दी
तू मिले या ना मिले ये मेरे मुकद्दर कि बात है मगर
सुकून बहुत मिलता है तूझे अपना सोच कर
हवा खिलाफ थी लेकिन, चिराग भी क्या खूब जला
खुदा भी अपने होने के क्या क्या सबूत देता है
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों"मैं खुद
हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो..
उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर
मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो खुदा खैर करे
इतने बुरे ना थे जो ठुकरा दिया तुमने हमेँ
तेरे अपने फैसले पर एक दिन तुझे भी अफसोस होगा