नही देखा मैंने कभी भगवान को लेकीन ईसकी जरुरत क्या होगी
मां तेरी सुरत से अलग उस्की सुरत क्या होगी
नही देखा मैंने कभी भगवान को लेकीन ईसकी जरुरत क्या होगी
मां तेरी सुरत से अलग उस्की सुरत क्या होगी
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को
क्यू कि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता
उसने तो कर ही लिए किनारे कामिल से कुछ इस कदर
तदबीरें सकून की सीखनी पढ़ें किन्ही गैरों से ख़ुदा न करे
सोचा था खुदा के सिवा मुझे कोई बर्बाद नहीं कर सकता
फिर एक दिन उनकी मुहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए
सोचते हैं, जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें,
इतने मासूम से खरीदार से क्या लेना देना..
हम तो निकले थे तलाशे इश्क में अपनी तनहाईयों से लड़ कर
मगर गर्मी बहुत थी गन्ने का रस पी के वापिस आ गए
जहाँ से तेरा मन चाहे वहा से मेरी जींदगी को पढ ले
पन्ना चाहे कोई भी खुले हर पन्ने पर तेरा ही नाम होगा
"बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे, शमशान में पिया करूंगा, जब खुदा मांगेगा हिसाब, तो पैग बना कर दिया करूंगा"
हर तन्हा रात में इंतज़ार है उस शख़्स का
जो कभी कहा करता था तुमसे बात न करूँ तो रात भर नींद नहीं अाती
बहुत रोये थे हम उस दिन जब एहसास हुआ था, खंजर लगा एक पीठ पर
आज लहुलुहान पीठ लेकर भी चुपचाप चलते जा रहे
तेरी बेवफाई पर इतना ही कहूँगा हमसफर
मैं खुद को इस काबिल बनाऊंगा की तेरी आँखे मेरे दीदार को तरसेगी
डाल दो अपनी दुआओं के कुछ अल्फ़ाज़ मेरी झोली में
क्या पता आपके लब़ हिलें और मेरी ज़िन्दगी सँवर जाऐ
खिंच चुके है मासूम जो नकाब चेहरों से खुद ही गिर जाएँगे एक दिन
न बेकार समय गँवा कुछ सच्चे चेहरे तलाश
चली जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे
इतनी चाहत के बाद जो मेरी ना हुई
वो किसी ओर कि क्या होगी दोस्तों
उसने हाथो से छूकर दरिया के पानी को गुलाबी कर दिया
हमारी बात तो और थी उसने मछलियो को भी शराबी कर दिया