जब भी खुदा को याद किया नज़र तु ही आया; ये मेरे दीवाने पन के लिए तेरे दीदार की हद थी; हम तो मर गये मगर खुली रही आँखे हमारी; बेवफा तु नहीं आया ये तेरे इंतज़ार की हद थी।
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जब भी खुदा को याद किया नज़र तु ही आया; ये मेरे दीवाने पन के लिए तेरे दीदार की हद थी; हम तो मर गये मगर खुली रही आँखे हमारी; बेवफा तु नहीं आया ये तेरे इंतज़ार की हद थी।
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