जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं; वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं; झूठा ही सही मेरे यार का वादा; हम सच मान कर ऐतबार करते हैं।
Like (0) Dislike (0)
जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं; वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं; झूठा ही सही मेरे यार का वादा; हम सच मान कर ऐतबार करते हैं।
Your Comment