एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है;जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है;मैं जो जिंदगी हूँ तो वो भी हैं अना का कैदी;मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है।
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एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है;जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है;मैं जो जिंदगी हूँ तो वो भी हैं अना का कैदी;मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है।
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