ज़मीन पर तू फैसले कितने ही क्यों न बदल दे रूपयों की ताक़त से; पर याद रहे कि ख़ुदा के घर कर्मों की दौलत वाला ही अमीर होता है।
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ज़मीन पर तू फैसले कितने ही क्यों न बदल दे रूपयों की ताक़त से; पर याद रहे कि ख़ुदा के घर कर्मों की दौलत वाला ही अमीर होता है।
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