तेरी चाहत में हम दर-बदर हो गए; सारी दुनियाँ से भी बेखबर हो गए; सज सँवर तुम सनम सैफई हो गयीं; हम उजड़ कर मुजफ्फर नगर हो गए।
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तेरी चाहत में हम दर-बदर हो गए; सारी दुनियाँ से भी बेखबर हो गए; सज सँवर तुम सनम सैफई हो गयीं; हम उजड़ कर मुजफ्फर नगर हो गए।
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