श्रीमान जी की धनि चाची की मृत्यु पर उनके मित्र ने पूछा इतने उदास क्यों हो? वैसे भी तुमने उस बुढ़िया की कोई ख़ास परवाह तो की नहीं। श्रीमान जी ने परेशानी से कहा की तो नहीं लेकिन पिछले पांच वर्षों से मैंने उसे पागल सिद्ध करके पागलखाने में भर्ती करवा रखा था। अब पता चला कि उसने सारी संपत्ति मेरे नाम कर रख है। समस्या यह है कि अब मुझे यह सिद्ध करना है कि उसकी दिमागी हालत दुरुस्त थी।

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