जिस घड़ी तेरी यादों का समय होता है; फिर हमें आराम कहाँ होता है; हौंसला मुझ में नहीं तुझको भुला देने का; काम सदियों का है लम्हों में कहाँ होता है।
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जिस घड़ी तेरी यादों का समय होता है; फिर हमें आराम कहाँ होता है; हौंसला मुझ में नहीं तुझको भुला देने का; काम सदियों का है लम्हों में कहाँ होता है।
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