प्यार वो हम को बेपनाह कर गये; फिर ज़िंदगी में हम को तनहा कर गये; चाहत थी उनके इश्क़ में फ़नाह होने की; पर वो लौट कर आने को भी मना कर गये।
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प्यार वो हम को बेपनाह कर गये; फिर ज़िंदगी में हम को तनहा कर गये; चाहत थी उनके इश्क़ में फ़नाह होने की; पर वो लौट कर आने को भी मना कर गये।
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