साँस लेने से उसकी याद आती है; और ना लेने पे जान जाती है; कैसे कह दूँ की सिर्फ़ साँसों क सहारे जिंदा हूँ; कमब्खत साँस भी तो उसकी याद के बाद आती है।
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साँस लेने से उसकी याद आती है; और ना लेने पे जान जाती है; कैसे कह दूँ की सिर्फ़ साँसों क सहारे जिंदा हूँ; कमब्खत साँस भी तो उसकी याद के बाद आती है।
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