लखनवी बच्चों की लड़ाई हो रही थी। पहला: देखिए अगर आप हमारी बात से इत्तेफ़ाक़ नहीं करेंगे तो हम आपकी वालिदा मोहतरमा की शान में गुस्ताख़ना कलिमात पेश कर देंगे। दूसरा: हज़ूर अगर आपने इस क़दर जलालत की जुर्रत की तो फ़िर हम भी आपके रुखसार मुबारक पे ऐसा तमाचा रसीद करेंगे कि गाल-ए-मुबारक गुलाब की मानिंद चमक उठेगा। यह है तहज़ीब-ए-लखनऊ ।

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