कांटे तो नसीब में आने ही थे
फूल जो हमने गुलाब चुना था
जलने लगा है जमाना सारा
क्योंकी चलने लगा है नाम हमारा
जलने लगा है जमाना सारा
क्योंकी चलने लगा है नाम हमारा
मै उन्हे बदला हुआ दिखता हुँ.....
कभी वो खुद को भी तो देखे ......
हमने समंदर पे राझ किया है
ईसि लिए लोग सङको पे महफुज है
शौक था अपना-अपना..
किसी ने इश्क किया,
तो कोई जिंदा रहा…
कोई ऐसी सुबह भी मिले मुझे
के मेरी आँख खुले तेरी आवाज से
दिल मेँ बुराई रखने से बेहतर है
अपनी नाराजगी जाहिर कर दो
मेरे हर किस्से में तुम आते हो
पर मेरे हिस्से में कब आओगे
नाम खुद कमाना पड़ता है
और बदनामी लोग आपको कमा के देते हैं
तू अभी और भी तनहा होगी:
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मैं अभी और भी याद आने वाला हूँ.
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नाम खुद कमाना पड़ता है
और बदनामी लोग आपको कमा के देते हैं