ऐसे ख़ुशियों से तेरा नाता गहरा हो; तू जहाँ रखे कदम तो रौशन चार-चुफेरा हो; तू सोये तो मन-पसंद सपने देखे; जब आँख खुले तो सब कुछ तेरा हो। सुप्रभात!
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ऐसे ख़ुशियों से तेरा नाता गहरा हो; तू जहाँ रखे कदम तो रौशन चार-चुफेरा हो; तू सोये तो मन-पसंद सपने देखे; जब आँख खुले तो सब कुछ तेरा हो। सुप्रभात!
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