नूर से आज चाँद भी शरमाया है; आप की दोस्ती ने ऐसा गजब ढाया है; ख़ुदा से क्या मांगू आपको; ख़ुदा ने भी खुद आप जैसा दोस्त मंगाया है। सुप्रभात!
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नूर से आज चाँद भी शरमाया है; आप की दोस्ती ने ऐसा गजब ढाया है; ख़ुदा से क्या मांगू आपको; ख़ुदा ने भी खुद आप जैसा दोस्त मंगाया है। सुप्रभात!
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