सुबह आँख खोली तो प्यारी सी सुबह बोली; उठकर देख क्या नजारा है; मैंने कहा रुक पहले सलाम भेज दूं उस दोस्त को; जो सुबह से भी प्यारा है। सुप्रभात!
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सुबह आँख खोली तो प्यारी सी सुबह बोली; उठकर देख क्या नजारा है; मैंने कहा रुक पहले सलाम भेज दूं उस दोस्त को; जो सुबह से भी प्यारा है। सुप्रभात!
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