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Heart Touching
अब भी इल्जामएमोहब्बत है हमारे सिर
अब भी इल्जामएमोहब्बत है हमारे सिर
अब भी इल्जाम-ए-मोहब्बत है हमारे सिर पर; अब तो बनती भी नहीं यार हमारी उसकी।
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तेरे शहर के कारीगर बड़े अजीब
काम अब कोई न आएगा बस
बस यही बात कि लोगों को
गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी
हम आह भी भरते हैं तो
आजमाना है अगर मेरे ऐतबार कोतो
हसीनो ने हसीन बन कर गुनाह
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शर्मिंदा होंगे जाने भी दो इम्तिहान
कहने वालों का कुछ नहीं जाता;सहने
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