उनके होंठों पे मेरा नाम जब आया होगा; ख़ुद को रुसवाई से फिर कैसे बचाया होगा; सुन के फ़साना औरों से मेरी बर्बादी का; क्या उनको अपना सितम न याद आय होगा?
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उनके होंठों पे मेरा नाम जब आया होगा; ख़ुद को रुसवाई से फिर कैसे बचाया होगा; सुन के फ़साना औरों से मेरी बर्बादी का; क्या उनको अपना सितम न याद आय होगा?
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