एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है; जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है; मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी है अना का कैदी; मेरे कहने पे कहाँ उसने चले आना है।
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एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है; जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है; मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी है अना का कैदी; मेरे कहने पे कहाँ उसने चले आना है।
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