कितना इख़्तियार था उसे अपनी चाहत पर; जब चाहा याद किया जब चाहा भुला दिया; बहुत अच्छे से जानता है वो मुझे बहलाने के तरीके; जब चाहा हँसा दिया जब चाहा रुला दिया।
Like (0) Dislike (0)
कितना इख़्तियार था उसे अपनी चाहत पर; जब चाहा याद किया जब चाहा भुला दिया; बहुत अच्छे से जानता है वो मुझे बहलाने के तरीके; जब चाहा हँसा दिया जब चाहा रुला दिया।
Your Comment