क्यों उन्हें हमारी सदा सुनाई नहीं देती; जाने क्यों वो हमसे जुदा रहता है; लौट आती है इबादत भी मेरी खाली; जाने किस मंज़िल पे खुदा रहता है।
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क्यों उन्हें हमारी सदा सुनाई नहीं देती; जाने क्यों वो हमसे जुदा रहता है; लौट आती है इबादत भी मेरी खाली; जाने किस मंज़िल पे खुदा रहता है।
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