तू छोड़ दे कोशिशें इंसानो को पहचानने की; यहाँ ज़रूरत के हिसाब से सब बदलते नक़ाब हैं; अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डाल कर; हर शख्स कहता है ज़माना बड़ा खराब है।
Like (0) Dislike (0)
तू छोड़ दे कोशिशें इंसानो को पहचानने की; यहाँ ज़रूरत के हिसाब से सब बदलते नक़ाब हैं; अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डाल कर; हर शख्स कहता है ज़माना बड़ा खराब है।
Your Comment