मेरे दुश्मन भी, मेरे मुरीद हैं शायद.
वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं ,
मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर,
रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं !!! Er kasz
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मेरे दुश्मन भी, मेरे मुरीद हैं शायद.
वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं ,
मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर,
रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं !!! Er kasz
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