वो जिनके घर मेहमानों का आना-जाना होता है; उनको घर का हर कमरा हर रोज़ सजाना होता है; जिस देहरी की क़िस्मत में स्वागत या वंदनवार न हों; उस चौखट के भीतर केवल इक तहख़ाना होता है।

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