सुकून मिल गया मुझको बदनाम होकर; आपके हर एक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकर; लोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मेरी मोहब्बत; चाहे कर दो इनकार यूँ ही अनजान होकर।
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सुकून मिल गया मुझको बदनाम होकर; आपके हर एक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकर; लोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मेरी मोहब्बत; चाहे कर दो इनकार यूँ ही अनजान होकर।
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