हर वक़्त का हंसना तुझे बर्बाद ना कर दे; तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर; ए दिल तुझे दुश्मन की भी पहचान कहाँ; तु हल्का-ए-याराना में भी मोहतात रहा कर।
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हर वक़्त का हंसना तुझे बर्बाद ना कर दे; तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर; ए दिल तुझे दुश्मन की भी पहचान कहाँ; तु हल्का-ए-याराना में भी मोहतात रहा कर।
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