जो दिलो में शिकवे और जुबान पर शिकायते कम रखते है
वो लोग हर रिश्ता निभाने का दम रखते हैं

"कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है ... आज़माइशों के बाद".!!!

इज़्ज़त खोकर आन बचाने की आदत नही अपनी
वरना जवाब वो भी हैं मेरे पास की सवाल ही पैदा ना हो

गल्हतफ़हमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मुहब्बत में
जहाँ किरदार हल्का हो कहानी डूब जाती है

मैं मर भी जाऊ तो उसे ख़बर भी ना होने देना
मशरूफ़ सा शख्स है कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये

मत पूछो यारो ये इश्क केसा होता है
बस जो रुलाता है ना उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है

मैं हँसता हूँ तो बस अपने गम छिपाने के लिए
और लोग देख के कहते हैं काश हम भी इसके जैसे होते

मैं मर भी जाऊ तो उसे ख़बर भी ना होने देना
मशरूफ़ सा शख्स है कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये

मेरे दिल से खेल तो रहे हो तुम पर जरा सम्भल के
ये थोडा टूटा हुआ है कहीं तुम्हे ही लग ना जाए

अगर तेरी नजरें कतल करने में माहिर है तो
सुन;
हम भी मर-मर कर जीने में उस्ताद हो गये
हैं.

लोग बेवजह ढूँढते हैँ खुदखुशी के तरीके हजार;
.
इश्क करके क्यों नहीँ देख लेते वो एक बार।

नाम और बदनाम में क्या फर्क है
नाम खुद कमाना पड़ता है और
बदनामी लोग आपको कमा के देते हैं

मैं थोड़ी देर तक बैठा रहा उसकी आँखों के मैखाने में;
दुनिया मुझे आज तक नशे का आदि समझती है...

उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहा था अलविदा
आज भी वही खड़ा है दिल उसके आने के इंतज़ार में..!!

कुछ इस तरहा से सौदा कीया मुझसे मेरे वक़्त ने
तजुर्बे देकर वो मुझसे मेरी नादानीया ले गया