अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता
तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का
वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता
Like (0) Dislike (0)
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता
तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का
वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता
Your Comment