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Life Shayari
जनाजा मेरा उठ रहा था फिर
जनाजा मेरा उठ रहा था फिर
जनाजा मेरा उठ रहा था फिर भी तकलीफ थी उसे आने में
बेवफा घर बैठी पूछ रही थी और कितनी देर है दफनाने में
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एक बार रोये तो रोते चले
मोहब्बत जीत जाएगी अगर तुम मान
जो लोग दर्द को समझते हैँवो
अजीब था उनका अलविदा कहनासुना कुछ
कदम यूँ ही डगमगा गए रास्ते
इंसान को अपनी औकात भूलने की
जमाने की नज़र में अकड़ के
कमाल की फनकारी है तुझ मेंवार
प्यार करने का हुनर हमें आता
तुम्हें देखकर किसी को भी यकीन
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