वो तो दिवानी थी मुझे तन्हां छोड़ गई; खुद न रुकी तो अपना साया छोड़ गई; दुख न सही गम इस बात का है; आंखो से करके वादा होंठो से तोड़ गई।
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वो तो दिवानी थी मुझे तन्हां छोड़ गई; खुद न रुकी तो अपना साया छोड़ गई; दुख न सही गम इस बात का है; आंखो से करके वादा होंठो से तोड़ गई।
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