अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से; नज़र पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन से; वो और थे जिसे तू जानता था बरसों से; मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से।
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अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से; नज़र पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन से; वो और थे जिसे तू जानता था बरसों से; मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से।
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