इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी है; तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी है; अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी; जबकि दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है।
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इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी है; तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी है; अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी; जबकि दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है।
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