किसको दोष लगाएं अपनी बरबादी का हम; इश्क़ की राहों में हम खुद ही गुनाहगार हैं; जो लम्हें बिताये थे साथ मिलकर कभी; आज वही लम्हें मेरे सितमगर हैं।
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किसको दोष लगाएं अपनी बरबादी का हम; इश्क़ की राहों में हम खुद ही गुनाहगार हैं; जो लम्हें बिताये थे साथ मिलकर कभी; आज वही लम्हें मेरे सितमगर हैं।
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