कोई समझता नहीं उसे इसका गम नहीं करता; पर तेरे नजरंदाज करने पर हल्का सा मुस्कुरा देता है; उसकी हंसी में छुपे दर्द को महसूस तो कर; वो तो हंस के यूँ ही खुद को सजा देता है।
Like (0) Dislike (0)
कोई समझता नहीं उसे इसका गम नहीं करता; पर तेरे नजरंदाज करने पर हल्का सा मुस्कुरा देता है; उसकी हंसी में छुपे दर्द को महसूस तो कर; वो तो हंस के यूँ ही खुद को सजा देता है।
Your Comment