जब भी करीब आता हूँ बताने के किये; जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये! महफ़िलों की शान न समझना मुझे; मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये!
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जब भी करीब आता हूँ बताने के किये; जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये! महफ़िलों की शान न समझना मुझे; मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये!
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