जिनको हमने चाहा इश्क़ की हदें तोड़ कर; आज उसने देखा नहीं निगाह मोड़ कर; ये जान कर बहुत दुख हुआ मुझे; कि वो खुद भी तन्हा हो गये मुझे छोड़ कर।
Like (0) Dislike (0)
जिनको हमने चाहा इश्क़ की हदें तोड़ कर; आज उसने देखा नहीं निगाह मोड़ कर; ये जान कर बहुत दुख हुआ मुझे; कि वो खुद भी तन्हा हो गये मुझे छोड़ कर।
Your Comment