तेरी यादों के सितम सहते हैं हम; आज भी पल-पल तेरी यादों में मरते हैं हम; तुम तो चले गए बहुत दूर हमको इस दुनियां में तन्हा छोड़कर; पर तुम क्या जानो बैठकर तन्हाई में किस कदर रोते हैं हम।

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