प्यार किसी से जितना किया रुस्वाई ही मिली है; वफ़ा चाहे जितनी भी की बेवफाई ही मिली है; जितना भी किसी को अपना बना कर देखा; जब आँख खुली तो तन्हाई ही मिली है।
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प्यार किसी से जितना किया रुस्वाई ही मिली है; वफ़ा चाहे जितनी भी की बेवफाई ही मिली है; जितना भी किसी को अपना बना कर देखा; जब आँख खुली तो तन्हाई ही मिली है।
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