मजरूह लिख रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का नाम; हम भी खड़े हुए हैं गुनहगार की तरह। शब्दार्थ: अहल-ए-वफ़ा = वफ़ा के चाहने वाले लोग
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मजरूह लिख रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का नाम; हम भी खड़े हुए हैं गुनहगार की तरह। शब्दार्थ: अहल-ए-वफ़ा = वफ़ा के चाहने वाले लोग
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