माना कि तुम्हें मुझसे ज्यादा ग़म होगा; मगर रोने से ये ग़म कभी कम न होगा; जीत ही लेंगे दिल की नाकाम बाजियां हम; अगर मोहब्बत में हमारी दम होगा।
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माना कि तुम्हें मुझसे ज्यादा ग़म होगा; मगर रोने से ये ग़म कभी कम न होगा; जीत ही लेंगे दिल की नाकाम बाजियां हम; अगर मोहब्बत में हमारी दम होगा।
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