मुझे मालूम था कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते थे
फिर भी मैं चलता रहा क्यूँ कि उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते थे
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मुझे मालूम था कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते थे
फिर भी मैं चलता रहा क्यूँ कि उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते थे
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