यह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब है; यहाँ आँसुओं का भी जाम बनाया जाता है; कह भी देते हैं अगर दर्द-ए-दिल की दास्तान; फिर भी वाह-वाह ही पुकारा जाता है।
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यह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब है; यहाँ आँसुओं का भी जाम बनाया जाता है; कह भी देते हैं अगर दर्द-ए-दिल की दास्तान; फिर भी वाह-वाह ही पुकारा जाता है।
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