शोला था जल बुझा हूँ हवाएं मुझे न दो; मैं तो कब का जा चुका हूँ सदायें मुझे न दो; वो ज़हर भी पी चुका हूँ जो तुमने मुझे दिया था; आ गया हम मौत के आग़ोश में अब मुझे ज़िंदगी की दुआएं न दो।

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