ये ना सोच कि तुझसे मोहब्बत की गुजरिश करेंगे
हम तो एक तरफा मोहब्बत भी दिल से ही करते है
ये ना सोच कि तुझसे मोहब्बत की गुजरिश करेंगे
हम तो एक तरफा मोहब्बत भी दिल से ही करते है
कल रात हमने सारे अपने गम दिवारो पे लिख डाले
बस फिर क्या हम सोते रहे दिवारे रोती रही
G.R..s
एक कविता ऐसी लिखूं ,जो तेरी आखों में दिखाई दे
आँखें बंद करू तो तेरी सांसो में सुनाई दे...
इंसान की फितरत को समझते हैं ये परिंदे,
कितनी भी मोहब्बत से बुलाना मगर पास नहीं आयेंगे
खुदा का शुक्र है कि उसने ख्वाब बना दिये
वरना तुझसे मिलने कि तमन्ना कभी पूरी नहीं होती
जो झुकते हैं ज़िन्दगी में वो बुज़दिल नही होते
यह हुनर होता हैं उनका हर रिश्ता निभाने का
हम उनकी मोहब्बत में उम्रक़ैद चाहते थे GAALIB
क्या पता था कि कुछ दिनों में ही ज़मानत हो जायेगी
खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो मांगती तो खून ही है
G.R..s
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह
फिर हल्का सा मुस्कराया और कहा मोहब्बत की थी ना
यूँ भी तो राज़ खुल जाएगा एक दिन हमारी मुहब्बत का
महफिल मे जो हमको छोड़कर सबको सलाम करते हो
जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह
ए खुदा फिर क्यू सिर्फ मेरा ही दिल तडफता है उस के लिये
हमारी सोच और लोगो कि सोच मे बस ईतना हि फर्क हे के
वो सरकारी आदमी बनना चाहते हे और हम सरकार
अभी जिन्दा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ खल्वत में; कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने।
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया
कि तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए
हमारी अदा तो हमेशा मुकुरने की थी ओये बेवफा
ज़िन्दगी वीरान हो गयी किसी से दिल लगाने के बाद