"ऐसा कोई शहर नही जहा हमारा कहर नहीँ..,
ऐसी कोई
गली नही जहा हमारी चली नहीं.."

हम जानते तो इश्क़ न करते किसी के साथ; ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ।

किसी ने मुझसे पूछा कैसी है अब जिंदगी
मैने मुस्कुरा कर जवाब दिया वो खुश है

दर्द का मेरे यकीं आप करें या ना करें; अर्ज़ इतनी है कि इस राज़ का चर्चा ना करें।

एक स्टिंग मेरे दिल का भी हो जाता
तुम्हें पता तो चलता कितना प्यार है तुमसे

तुम मेरे रास्तों को नहीं मोड़ सकते
क्यों की मैं मोड़ पर ही रास्ता बनाता हूँ

उनके देखे से जो आ जाती है मुँह पे रौनक; वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।

ज़िन्दगी का ये हूनर भी आज़माना चाहिए
जंग अगर अपनो से हो तो हार जाना चाहिए

उजड़ जाते है सर से पॉव तक वो लोग
जो किसी बेपरवाह से बेपनाह मोहब्बत करते है

मसला तो तेरे मेरे दरमियान था ऐ मोहोब्बत
फ़िर ये ज़माना बीच मे कहाँ से आ गया

/>
हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई ...!!!

तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है

भीगी भीगी सी ये जो मेरी लिखावट है
स्याही में थोड़ी सी, अश्कों की मिलावट है

तमाम उम्र इसी बात का गुरुर रहा मुझे
किसी ने मुझसे कहा था की हम तुम्हारे है

तैवर दीखाना हमे भी आता है पगली
लेकीन माँ ने लडकीयो की ईजजत करना सिखाया हे